लोग डूबते हैं तो समंदर को दोष देते हैं,
मंजिल न मिले तो मुकद्दर को दोष देते हैं,
खुद तो संभल कर चल नहीं सकते,
जब ठेस लगती है तो पत्थर को दोष देते हैं
आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।
असफलताए इंसान को तोड़ देती है,
जीवन की राहों को नया मोड़ देती है,
जो करते हैं, जी-जान से प्रयास पूरा,
असफलताएं उनका पीछा छोड़ देती है।
बुलंद हो होंसला तो मुट्ठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो ज़िंदगी में आम हैं,
ज़िंदा हो तो ताक़त रखो बाज़ुओ में तैरने की,
क्योंकि लहरों के साथ बहना तो लाशों का काम है।
डर मुझे भी लगा फ़ासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देखकर।
देखते हैं ये जिंदगी हमें कब तक भटकाएगी
किसी दिन तो कोशिशें हमारी भी रंग लाएंगी,
उस रोज हम आराम से बैठेंगे अपने घर में
और कामयाबी बहार दरवाजा खटखटाएगी।
तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो,
हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं,
तुम बनाते जाते हो पिंजड़े पर पिंजड़ा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूंढते हैं।
जिंदगी का हर पल लाजवाब हो न हो,
जिंदगी के हर सवाल का जवाब होना चाहिए,
फर्क नहीं पड़ता कि कितनी ही देर लगे,
इंसान जिंदगी में कामयाब होना चाहिए।
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नहीं सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।
जब टूटने लगे हौंसला तो बस यह याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख़्त-व-ताज नहीं होते,
ढूंढ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों,
क्यूंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नहीं होते।
कर्म करो तो फल मिलता है
आज नहीं तो कल मिलता है
जितना अधिक गहरा हो कुंआ
उतना मीठा जल मिलता है
जीवन के हर कठिन प्रश्न का
जीवन से ही हल मिलता है
खून ठंडा न पढ़ जाये थोड़ा उबाल रखा करो
आगे बढ़ना है तो मन में थोड़े सवाल रखा करो।
आएंगी मुश्किलें सफर -ए-ज़िन्दगी में बहुत
उनसे निकलना है तो याद बुजु़र्गों की मिसाल रखा करो।
किसी से लड़ने और बहस करने में तुम्हारा ही नुक़सान है
ख़ुद से लड़ाई रखा करो और हृदय को विशाल रखा करो।
मोहब्बत की नज़र, अहले वफ़ा की शान पैदा कर
बुलंदी और पस्ती में ज़रा पहचान पैदा कर
न हो माहौल से मायूस, दुनियांँ ख़ुद बना अपनी
नई आंधी, नई कश्ती ,नया तूफ़ान पैदा कर
मज़ा है मरने-जीने का इन्हीं खतरों के दामन में
दिलों में हौसले और हौसलों में जान पैदा कर
सफर में मुश्किलें आऐ,
तो हिम्मत और बढ़ती है।
कोई अगर रास्ता रोके,
तो जुर्रत और बढ़ती है।
अगर बिकने पे आ जाओ,
तो घट जाते हैं दाम अक्सर।
ना बिकने का इरादा हो तो,
क़ीमत और बढ़ती है।
शाम सूरज को ढ़लना सिखाती है,
शमा परवाने को जलना सिखाती है,
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ़,पर
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक़्त पर ऐतबार करो।
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