नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस के कुछ अपने प्रचलित शब्द हैं, जो इसी बिज़नेस में प्रयुक्त होते हैं।
- M.L.M (एम.एल.एम) मल्टी लेवल मार्केटिंग
- Group (ग्रुप) बिज़नेस करने वाले किसी भी व्यक्ति की सभी डाउन लाइन्स उस व्यक्ति का ग्रुप कहलाती हैं।
- Leg (लेग) कोई डिस्ट्रीब्यूटर जब किसी दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर को स्पांसर करता है, तो वह उसकी लेग कहलाता है और उस दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर के साथ भी जितने डिस्ट्रीब्यूटर जुड़ते हैं, वे सभी उसकी लेग में ही गिने जाते हैं।
- M.R.P / Maximum Retail Price (एम.आर.पी) अधिकतम बिक्री मूल्य।
- T.N.A / Temporary Not Available (टी.एन.ए / टम्परेरी नॉट अवेलेबल) अस्थाई तौर पर उपलब्ध न होने वाले प्रॉडक्ट।
- Follow-up (फ़ॉलो-अप) प्लान दिखाने के बाद 48 घंटे के अंदर प्रोस्पेक्ट की सभी जिज्ञासा (जानने की इच्छा, ज्ञान की चाह) एवं उत्सुकताओं का Resolution करते हुए बिज़नेस ज्वाॉइन कराने के प्रयास को फॉलो-अप कहा जाता है।
- Downline / Growline (डाउनलाइन / ग्रो-लाइन) कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर जब अपने साथ कुछ नए डिस्ट्रीब्यूटर्स जोड़ लेता है, तो वो सभी जुड़ने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स उसके डाउनलाइन / ग्रो-लाइन कहलाते हैं।
- Sponsor / Direct Upline (स्पांसर / डायरेक्ट अपलाइन) वह डिस्ट्रीब्यूटर, जो किसी दूसरे व्यक्ति को इस बिज़नेस में दाखिले की अधिकारिक तौर पर Permission प्रदान करता है, यानी कि किसी भी व्यक्ति को यह बिज़नेस ज्वाॉइन कराने वाला व्यक्ति उसकी स्पांसर / डायरेक्ट अपलाइन कहलाता है।
- Upline (अपलाइन) डायरेक्ट अपलाइन व उसके ऊपर जितने भी सीनियर लीडर होते हैं, वे सभी नए नेटवर्कर के अपलाइन कहलाते हैं।
- Active Upline (एक्टिव अपलाइन) किसी भी बिज़नेस ग्रुप में अपलाइन बहुत से होते हैं, लेकिन उनमें से सभी अपलाइन बिज़नेस के प्रति सीरियस नहीं होते, कुछ चंद ही अपलाइन अपने ग्रो-लाइन (डाउनलाइन) को सपोर्ट करते हैं। ऐसे सपोर्ट करने वाले अपलाइन ही एक्टिव अपलाइन कहलाते हैं।
- Distribution Center / Pick-up Center (डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर / पिक अप सेंटर) प्रॉडक्ट बिक्री केंद्र को डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर / पिक अप सेंटर कहा जाता है। यहां कंपनी द्वारा बनाए गए सभी उत्पाद (Products) बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर / पिक अप सेंटर के कर्ता-धर्ता ही डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा की गई खरीद का पूरा लेखा-जोखा कंपनी को भेजते हैं।
- Business Kit (बिज़नेस किट) कम्पनी ज्वॉइन करते समय दिए जाने वाले प्रॉडक्ट और लिटरेचर को बिज़नेस किट कहा जाता है। इससे नेटवर्कर्स अपना नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस शुरू करते हैं।
- Commission (कमीशन) नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस करने वाले को कार्य-प्रदर्शन के आधार पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को कमीशन कहते हैं और यह प्रत्येक देश में प्रत्येक कम्पनी अलग-अलग मानकों में निर्धारित करती है। कुछ कम्पनियां B.V या P.V के हिसाब से कमीशन निर्धारित करती हैं, तो कुछ C.C के हिसाब से करती हैं और कुछ कम्पनियां Business Ratio के हिसाब से भी कमीशन अदा करती हैं।
- B.V / Business Volume (बी. वी बिज़नेस वॉल्यूम) मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर कम्पनी उत्पाद बेचती है, किन्तु उस उत्पाद का कंपनी की ओर से एक बिज़नेस वैल्यू (लागत मूल्य) निर्धारित होता है, जिसके आधार पर डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन दिया जाता है।
- P.V / Point Volume (पी.वी / प्वॉइंट वॉल्यूम) कुछ कम्पनियां सेल के अनुसार एक निश्चित रक़म पर एक निश्चित प्वॉइंट (रक़म) निर्धारित कर लेती हैं और डिस्ट्रीब्यूटर को उसी प्वॉइंट के अनुसार कमीशन देती हैं।
- C.C / Case Credit / Country Currency (सी.सी / केस क्रेडिट / कंट्री करेंसी) कुछ कम्पनियां International Level पर, यानी कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस कर रही होती हैं। प्रत्येक देश की मुद्रा अलग होती है, जैसे भारत में रुपया, रूस में रुबल, सिंगापुर में डॉलर, थाईलैंड में थाई डॉलर, बंगलादेश में टका और यूरोपियन देशों में यूरो। कम्पनी कन्ट्री करेंसी के हिसाब से अपने निर्धारित मानक के अनुरूप डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन देती है।
- Royalty (रॉयल्टी) किए गए कार्य की एवज में जीवनभर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि। इस मुकाम को हासिल करने के लिए किसी भी डिस्ट्रीब्यूटर को जी-तोड़ मेहनत करनी होती है और अपनी टीम का लगातार विस्तार करते रहना होता है।
- Bonus (बोनस) कमीशन और रॉयल्टी की सीमा तक पहुंचकर भी जब कोई डिस्ट्रीब्यूटर लगातार काम करता रहता है, तो वह एक ऐसा अचीवर बन जाता है, इस स्थिति में वह बोनस का अधिकारी होता है।
- Awards & Prizes (एवार्डस एवं प्राइजेस) कंपनी द्वारा रखे गए किसी टारगेट को जो टीम पार कर लेती है, उसे कम्पनी अपने प्रॉफिट में से पुरस्कृत करती है।
- Cross line / X- Line (क्रॉस लाइन) यदि कोई एक डिस्ट्रीब्यूटर किन्हीं दो डिस्ट्रीब्यूटर्स को अपनी अलग-अलग लाइन में स्पांसर करता है, तो वे दोनों एक-दूसरे की क्रॉस लाइन होंगे।
- Cross lining / X-lining (क्रॉस लाइनिंग) अपनी ही कम्पनी से संबंधित किसी दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर के ग्रुप में घुसपैठ करना क्रॉस लाइनिंग कहलाती है।
- Active Successfull Upline (एक्टिव सक्सेसफुल अपलाइन) आपके अपलाइन में बहुत से लोग हो सकते हैं। मगर आपका वह अपलाइन जिसे इस व्यवसाय से संबंधित सब कुछ पता होता है, जो एक कामयाब लीडर माना जाता है और जो इस व्यवसाय में सफ़लता पा चुका हो और अब भी आगे बढ़ने तथा और भी सफलता पाने के लिए कार्यरत हो।
- Successfull Upline (सक्सेसफुल अपलाइन) वह अपलाइन जो इस व्यवसाय में कामयाबी के नए आयाम छू चुका हो।
- Active Associates (एक्टिव एसोसिएट्स) कोई भी वह व्यक्ति जो इस बिज़नेस से जुड़ा हुआ है और सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है वह एक्टिव एसोसिएट्स कहलाता है। इसमें कोई भी हो सकता है—— अपलाइन, ग्रो–लाइन, क्रॉस लाइन वगैरह। यानी जो भी व्यक्ति सक्रिय रूप से कार्य कर रहा हो, वह एक्टिव एसोसिएट्स कहलाता है।
- Active Team (एक्टिव टीम) बिज़नेस से जुड़ी यूं तो बहुत सी टीमें होती हैं, लेकिन जो टीम सक्रिय रूप से कार्य कर रही होती है, उसे एक्टिव टीम कहते हैं।
- Successfull Team (सक्सेसफुल टीम) वह टीम जो सफलता पर सफलताएं अर्जित करती जा रही हो, जिसका तेजी से विस्तार हो रहा हो, वह सक्सेसफुल टीम कहलाती है।
- Active Successfull Team (एक्टिव सक्सेसफुल टीम) वह टीम जो नए-नए आयाम छू चुकी हो, लेकिन अभी भी उतनी ही सक्रियता के साथ और भी नए आयामों को छूना चाहती है जिसके लिए वह आज भी सक्रिय है। ऐसी टीम को एक्टिव सक्सेसफुल टीम कहते हैं।
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- Wish You Wellth✌️
Nice bro
जवाब देंहटाएंThank u so much Nehal Bro
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