यह लेख सभी नेटवर्कर एवं लीडर्स के लिए है।
अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री में कामयाब होना चाहते हैं तो ये पोस्ट पूरा अवश्य पढ़ें और इसको अपने जीवन में लागू करेंइसे एक बार नहीं बल्कि बार बार पढ़ें और सोचें की हम सफलता को पाने के लिए क्या कर रहे हैं और क्या नहीं कर रहे।
I hope ये लेख आप सभी को एक सही रास्ता दिखायेगा।
I hope ये लेख आप सभी को एक सही रास्ता दिखायेगा।
नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री (Network Marketing Industries) के बारे में जितना जान लें उतना कम है
क्योंकि यह इंडिस्ट्री ढेरों और बड़ी सफलताओं का एक सच्चा रास्ता है
इसकी ताक़त एक नॉर्मल इंसान की सोच से परे है
इसका रिज़ल्ट उम्मीदों से कहीं ज़्यादा आता है
कुछ नेटवर्कर दोस्त अक्सर जल्दी के चक्कर में हताश (Depression) के शिकार हो जाते हैं
नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री केवल व्यापार ही नहीं बल्कि अनगिनत आदर्शों का मिलन है... जैसे
क्योंकि यह इंडिस्ट्री ढेरों और बड़ी सफलताओं का एक सच्चा रास्ता है
इसकी ताक़त एक नॉर्मल इंसान की सोच से परे है
इसका रिज़ल्ट उम्मीदों से कहीं ज़्यादा आता है
कुछ नेटवर्कर दोस्त अक्सर जल्दी के चक्कर में हताश (Depression) के शिकार हो जाते हैं
नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री केवल व्यापार ही नहीं बल्कि अनगिनत आदर्शों का मिलन है... जैसे
- नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस
- शोहरत का माध्यम
- ख़ुद की उपाधि (Post)
- ज़रूरतमंदों का सहारा
- नौकरशाही से छुटकारा
- दूसरों की सहायता
- उत्तम कमाई का ज़रिया
- दूसरों को अवसर देने की लगातार प्रक्रिया
- भविष्य की योजना
- सही सपनों का चुनाव.....आदि ...
सबसे पहली बात यह है की Network Marketing एक लंबे समय की प्लानिंग है...।।।
मैं आप सब नेटवर्क मार्केटिंग के दोस्तों को यह सलाह देना चाहता हूँ की आप इसे भूलकर भी शॉर्ट टाइम के लिये न चुनें...।।।
क्योंकि अक्सर नेटवर्कर जल्दी रिज़ल्ट के चक्कर में इस इंडस्ट्री में क़दम रखते हैं और उसे कोई फायदा नहीं होता...।।।
क्यों की अगर बुनियादी (शुरुआती) सोच ही गलत होगी.......तो उस पर खड़ी होने वाली इमारत भी कमज़ोर ही होगी...।।।
जब एक नेटवर्कर यही सोचकर नेटवर्क मार्केटिंग में उतरता है कि बस जल्दी से लखपति और करोड़पति बनना है......तो यही सोच एक ख़तरनाक सोच बन जाती है और उस पर कुछ नहीं टिक सकता...।।।
उदाहरण के लिए : अगर एक नेटवर्कर किसी कंपनी में ज्वाईन (Join) होने के बाद केवल चार - छ: महीनों में रिज़ल्ट न मिलने पर दूसरी कंपनी ज्वाईन कर लेता है….तो क्या गारंटी है की वो दूसरी कंपनी में टिक पायेगा....और वो तीसरी कंपनी के बारे में नहीं सोचेगा....फिर वह चौथी कंपनी के बारे में जानकारी लेगा....और उसे भी ज्वाईन कर लेगा....इस तरह से वह केवल एक से दो साल के अंदर-अंदर कई सारी कम्पनियों में जुड़कर आखिर हताश हो जायेगा....और अपनी फेस वॅल्यू (Face Value) खो देगा...।।।
दुनिया में हर चीज़ के साथ एक नियम है....नेटवर्किंग का भी एक नियम है....जब तक नेटवर्कर...नेटवर्किंग के नियमों को जान नहीं पाता तब तक उसके साथ कई दुविधाएँ हो सकती हैं...।।।
यह तो हम सभी जानते है की सिर्फ एक बार बारिश होने से नदी में पानी नहीं भरता न ही बाढ़ आती है...।।।
पढ़ाई में एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने के लिए सिर्फ एक बार के exam (इम्तिहान) देने से पास नहीं हो सकते हैं...।।।
धावक एक छलांग लगा देने से कई किलोमीटर की दूरी नहीं पार कर सकता है...।।।
तो फिर नेटवर्किंग में यह कैसे संभव हो सकता है?
नेटवर्क मार्केटिंग कोई जादू की छड़ी नहीं है...जहां आपने कहा...आबरा का डाबरा...गिली गिली...छू....और आप लखपति और करोड़पति बन जायेंगे...।।।
यहाँ पर मैं आपको एक कहानी के माध्यम से कुछ बताना और सिखाना चाहता हूँ...ध्यान दीजियेगा...!!!
एक अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को लेकर एक खेत में जाते हैं।
उस अध्यापक ने कहा..."ज़रा खेत को ध्यान से देखो"
बच्चों ने देखा और कहा " यहाँ तो कम से कम 12 से 15 गड्ढे हैं....सारा खेत ही ख़राब हो गया है।
इतने में खेत का मालिक आ पहुंचा।
अध्यापक ने खेत के मालिक से पूछा की खेत में इतने सारे गड्ढे क्यों हैं?
तो खेत के मालिक ने अध्यापक से कहा की कुआँ खोद रहा हूँ
उन्हीं में से एक बच्चे ने खेत के मालिक से पूछा की आप कितने कुएँ चाहते हैं?
तो खेत के मालिक ने कहा की….एक कुआँ चाहता हूँ...!!!
इतने में दूसरे बच्चे ने पूछा....मगर यहां तो 12 से 15 गड्ढे हैं।
खेत के मालिक ने तुरंत जवाब दिया की....हाँ ...वो तो है ...पर क्या करता?
जहां खोदा वहाँ पानी नहीं निकला...तो इसलिये दूसरा गड्ढा खोदा...!!!
इस बीच तीसरे बच्चे ने पूछा : कब से कर रहे हो यह काम?
खेत का मालिक : करीब छ: महीने हो गये हैं।
अध्यापक : अगर तुम एक ही जगह एक ही गड्ढा खोदते वो भी लगातार मेहनत करते हुए....तो यह गड्ढा ज़्यादा गहरा होता...और सम्भव है की पानी भी उपर आ जाता...क्योंकी अधिक गहराई तक खोदने से...ऐसा ही होता है..."यह विज्ञान का नियम है"
और तुमने हर एक गड्ढा सिर्फ 4 से 6 फुट ही खोदा है...15 गड्ढों के बदले अगर एक ही जगह 40 फुट तक खोदते तो पानी को तो निकलना ही था...!!!
उस खेत के मालिक ने सारे गड्ढे बंद करवाकर....सिर्फ एक ही गड्ढा खोदा वो भी करीब 40 फुट तक,....और पानी निकला...!!!
अध्यापक ने सभी बच्चों से कहा...
"तुम सब इसी को सबक़ समझो ..."
अक्सर हम अलग-अलग क्षेत्रों में ज़रा सी कोशिश करते हैं...पर किसी में सफलता नहीं मिलती है।
अगर हम उसी कोशिश को एक ही क्षेत्र में लगातार करें तो क्या हमें उस क्षेत्र में सफलता नहीं मिलेगी?बिल्कुल मिलेगी...!!!
इसी तरह से नेटवर्कर भी जल्दी के चक्कर में हताश हो जाता है।
मेहनत तो करता है, कोशिश भी करता है,
परन्तु कभी किसी कंपनी के लिये तो कभी किसी कंपनी के लिये
बस ये सोचकर की जल्दी से मैं भी अमीर बन जाऊँ औरों की तरह
और जब उसके हिसाब से सब नहीं चल रहा होता....तो बस वो...
बेसब्रा हो जाता है...!!!
हताश हो जाता है...!!!
टूट जाता है...!!!
दुखी हो जाता है...!!!
परेशान सा रहने लगता है...!!!
मुंह उतर सा जाता है...!!!
चेहरे से मुस्कान गायब हो जाती है...!!!
औरों से कटा-कटा सा रहने लगता है...!!!
सेमिनार में आना बंद कर देता है...!!!
कंधे झुके-झुके से रहते हैं...!!!
किसी से आंखे मिलाकर बात नहीं करता...!!!
कभी-कभी सेमीनार में दिखाई भी देता है, पर पूरी ड्रेस में नहीं होता...!!!
अलग-अलग लोगों से फोन No. लेता हुआ दिखाई देता है...!!!
अपनी टीम के सदस्यों से कंपनी को लेकर बुराई करने लगता है...!!!
कंपनी के काम, उसके प्रोडक्ट पैकेज में बुराई निकाल कर अपनी ही टीम को लोगों को कंपनी के ख़िलाफ़ करने लगता है,
अपने घर पर बुला कर अपनी ही टीम के लोगों को दूसरी कंपनी का प्लान दिखाता है...और उस कंपनी के लिये पॉज़िटिव करता है...!!!
क्योंकी उसे मालूम है कि इन्हीं लोगों को... यहाँ से ले जाकर दूसरी कंपनी में अपने नीचे लगाऊँगा...,
वो अपने साथ साथ...दूसरों के सपनों को भी तोड देता है...!!!
न खूद जल्दबाज़ी में क़मा पाता है…न ही अपनी टीम के लोगों को कमाने देता है…!!!
ऐसे नेटवर्कर को आप अलग से पहचान सकते हैं...!!!!!
मेरे प्यारे दोस्तों...
नेटवर्क मार्केटिंग भी एक (System) सिस्टम है...जहाँ लगातार कोशिश और मेहनत की ज़रूरत है।
मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि रिजल्ट (Result) मिलने तक उस कंपनी और प्लान पर ही टिके रहें...और अपना ध्यान न खोयें...!! बस लगे रहें...!!!
कितनी बार मैंने लोगों को देखा है कि वो ध्यान लगाकर प्लान के साथ जुड़ गए और सफल हो गए...।।।
और कई लोगों को ऐसा भी देखा है कि वो अपना ध्यान भटक गए और प्लान और कंपनी बदल बैठे और नरक कि गलियों में आज भी घूम रहे हैं...।।।
क्योंकी एक नेटवर्कर बड़ी श्रद्धा के साथ कंपनी के साथ जुड़ता है और फिर कुछ समय बाद वो उसे छोड़कर दूसरी कंपनी में चला जाता है...।।।
आपको मालूम होना चाहिये...।।।
कि इस तरह बार-बार कंपनी, प्लान और श्रद्धा को बदलने से केवल हताशा ही हाथ लगेगी...।।।
बस इतना ध्यान रखें कि अपनी श्रद्धा में इमानदारी को पैदा करें
क्योंकी नेटवर्क मार्केटिंग.... "इमानदारी" का ही दूसरा नाम ( रूप, और चेहरा ) है...!!!
इस "ईमानदारी" शब्द को लेकर कुछ अपनी भी बात हो ही जाये....
हम...वैसे बड़े ईमानदार होते हैं,
बनते भी हैं...!!!
और कोशिश भी करते हैं...!!!
फिर भी हम ईमानदार साबित नहीं होते क्यों?
हम अपनी आदतों के साथ बड़े ईमानदार बनते हैं...!!!
हम अपनी ज़िंदगी को लेकर सीरियस ज़रूर होते हैं...पर शायद उतना ईमानदार नहीं जितना हमें अपने कर्तव्य को लेकर होना चाहिए...!!!
नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़ने के बाद हम अक्सर यही सुनते हैं की रोज़ प्लान दिखाना चाहिए...!!!
रोज़ नये लोगों से मिलना चाहिए…!!!
कंपनी - उसके प्लान और प्रॉडक्ट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचानी चाहिये…!!!
क्या हम यह ईमानदारी से कर पाते हैं...!!!
कहीं न कहीं...कमी करते ही हैं...!!!
अगर हमारे कोई सीनियर जब हमसे पूछते हैं...तो हम यही जवाब देते हैं कि...!
कल मैं बहुत थक गया था,
थोड़ी तबियत सी ख़राब थी,
मीटिंग ही कॅन्सल हो गई,
बाइक का आक्सिडेंट हो गया था…,
घर में शादी थी...,
फादर को डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा...,
रात को देर से सोया था...,
वाइफ की तबियत ख़राब थी...,
समय पर बस ही नहीं मिली...,
उधर बहुत जाम (Traffic) लगा हुआ था...,
जिसको बुलाया था वो आया ही नहीं...,
हमारे उधर बहुत तेज़ बारिश हो रही थी...,
बहुत तेज गर्मी थी...लू चल रही थी...,
बहुत ठंड थी...,
हमारे उधर घुटने - घुटने तक पानी भरा हुआ था...,
रीलेशन में तेहरवीं पर जाना पड़ गया...,
वगैरह-वगैरह
क्या हम वास्तव में ईमानदारी को निभा रहे हैं?
या बहानों को ही सीरियस लेकर आगे बढ़ने की कोशिश मात्र है...!!!
मैं आप सब नेटवर्क मार्केटिंग के दोस्तों को यह सलाह देना चाहता हूँ की आप इसे भूलकर भी शॉर्ट टाइम के लिये न चुनें...।।।
क्योंकि अक्सर नेटवर्कर जल्दी रिज़ल्ट के चक्कर में इस इंडस्ट्री में क़दम रखते हैं और उसे कोई फायदा नहीं होता...।।।
क्यों की अगर बुनियादी (शुरुआती) सोच ही गलत होगी.......तो उस पर खड़ी होने वाली इमारत भी कमज़ोर ही होगी...।।।
जब एक नेटवर्कर यही सोचकर नेटवर्क मार्केटिंग में उतरता है कि बस जल्दी से लखपति और करोड़पति बनना है......तो यही सोच एक ख़तरनाक सोच बन जाती है और उस पर कुछ नहीं टिक सकता...।।।
उदाहरण के लिए : अगर एक नेटवर्कर किसी कंपनी में ज्वाईन (Join) होने के बाद केवल चार - छ: महीनों में रिज़ल्ट न मिलने पर दूसरी कंपनी ज्वाईन कर लेता है….तो क्या गारंटी है की वो दूसरी कंपनी में टिक पायेगा....और वो तीसरी कंपनी के बारे में नहीं सोचेगा....फिर वह चौथी कंपनी के बारे में जानकारी लेगा....और उसे भी ज्वाईन कर लेगा....इस तरह से वह केवल एक से दो साल के अंदर-अंदर कई सारी कम्पनियों में जुड़कर आखिर हताश हो जायेगा....और अपनी फेस वॅल्यू (Face Value) खो देगा...।।।
दुनिया में हर चीज़ के साथ एक नियम है....नेटवर्किंग का भी एक नियम है....जब तक नेटवर्कर...नेटवर्किंग के नियमों को जान नहीं पाता तब तक उसके साथ कई दुविधाएँ हो सकती हैं...।।।
यह तो हम सभी जानते है की सिर्फ एक बार बारिश होने से नदी में पानी नहीं भरता न ही बाढ़ आती है...।।।
पढ़ाई में एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने के लिए सिर्फ एक बार के exam (इम्तिहान) देने से पास नहीं हो सकते हैं...।।।
धावक एक छलांग लगा देने से कई किलोमीटर की दूरी नहीं पार कर सकता है...।।।
तो फिर नेटवर्किंग में यह कैसे संभव हो सकता है?
नेटवर्क मार्केटिंग कोई जादू की छड़ी नहीं है...जहां आपने कहा...आबरा का डाबरा...गिली गिली...छू....और आप लखपति और करोड़पति बन जायेंगे...।।।
यहाँ पर मैं आपको एक कहानी के माध्यम से कुछ बताना और सिखाना चाहता हूँ...ध्यान दीजियेगा...!!!
एक अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को लेकर एक खेत में जाते हैं।
उस अध्यापक ने कहा..."ज़रा खेत को ध्यान से देखो"
बच्चों ने देखा और कहा " यहाँ तो कम से कम 12 से 15 गड्ढे हैं....सारा खेत ही ख़राब हो गया है।
इतने में खेत का मालिक आ पहुंचा।
अध्यापक ने खेत के मालिक से पूछा की खेत में इतने सारे गड्ढे क्यों हैं?
तो खेत के मालिक ने अध्यापक से कहा की कुआँ खोद रहा हूँ
उन्हीं में से एक बच्चे ने खेत के मालिक से पूछा की आप कितने कुएँ चाहते हैं?
तो खेत के मालिक ने कहा की….एक कुआँ चाहता हूँ...!!!
इतने में दूसरे बच्चे ने पूछा....मगर यहां तो 12 से 15 गड्ढे हैं।
खेत के मालिक ने तुरंत जवाब दिया की....हाँ ...वो तो है ...पर क्या करता?
जहां खोदा वहाँ पानी नहीं निकला...तो इसलिये दूसरा गड्ढा खोदा...!!!
इस बीच तीसरे बच्चे ने पूछा : कब से कर रहे हो यह काम?
खेत का मालिक : करीब छ: महीने हो गये हैं।
अध्यापक : अगर तुम एक ही जगह एक ही गड्ढा खोदते वो भी लगातार मेहनत करते हुए....तो यह गड्ढा ज़्यादा गहरा होता...और सम्भव है की पानी भी उपर आ जाता...क्योंकी अधिक गहराई तक खोदने से...ऐसा ही होता है..."यह विज्ञान का नियम है"
और तुमने हर एक गड्ढा सिर्फ 4 से 6 फुट ही खोदा है...15 गड्ढों के बदले अगर एक ही जगह 40 फुट तक खोदते तो पानी को तो निकलना ही था...!!!
उस खेत के मालिक ने सारे गड्ढे बंद करवाकर....सिर्फ एक ही गड्ढा खोदा वो भी करीब 40 फुट तक,....और पानी निकला...!!!
अध्यापक ने सभी बच्चों से कहा...
"तुम सब इसी को सबक़ समझो ..."
अक्सर हम अलग-अलग क्षेत्रों में ज़रा सी कोशिश करते हैं...पर किसी में सफलता नहीं मिलती है।
अगर हम उसी कोशिश को एक ही क्षेत्र में लगातार करें तो क्या हमें उस क्षेत्र में सफलता नहीं मिलेगी?बिल्कुल मिलेगी...!!!
इसी तरह से नेटवर्कर भी जल्दी के चक्कर में हताश हो जाता है।
मेहनत तो करता है, कोशिश भी करता है,
परन्तु कभी किसी कंपनी के लिये तो कभी किसी कंपनी के लिये
बस ये सोचकर की जल्दी से मैं भी अमीर बन जाऊँ औरों की तरह
और जब उसके हिसाब से सब नहीं चल रहा होता....तो बस वो...
बेसब्रा हो जाता है...!!!
हताश हो जाता है...!!!
टूट जाता है...!!!
दुखी हो जाता है...!!!
परेशान सा रहने लगता है...!!!
मुंह उतर सा जाता है...!!!
चेहरे से मुस्कान गायब हो जाती है...!!!
औरों से कटा-कटा सा रहने लगता है...!!!
सेमिनार में आना बंद कर देता है...!!!
कंधे झुके-झुके से रहते हैं...!!!
किसी से आंखे मिलाकर बात नहीं करता...!!!
कभी-कभी सेमीनार में दिखाई भी देता है, पर पूरी ड्रेस में नहीं होता...!!!
अलग-अलग लोगों से फोन No. लेता हुआ दिखाई देता है...!!!
अपनी टीम के सदस्यों से कंपनी को लेकर बुराई करने लगता है...!!!
कंपनी के काम, उसके प्रोडक्ट पैकेज में बुराई निकाल कर अपनी ही टीम को लोगों को कंपनी के ख़िलाफ़ करने लगता है,
अपने घर पर बुला कर अपनी ही टीम के लोगों को दूसरी कंपनी का प्लान दिखाता है...और उस कंपनी के लिये पॉज़िटिव करता है...!!!
क्योंकी उसे मालूम है कि इन्हीं लोगों को... यहाँ से ले जाकर दूसरी कंपनी में अपने नीचे लगाऊँगा...,
वो अपने साथ साथ...दूसरों के सपनों को भी तोड देता है...!!!
न खूद जल्दबाज़ी में क़मा पाता है…न ही अपनी टीम के लोगों को कमाने देता है…!!!
ऐसे नेटवर्कर को आप अलग से पहचान सकते हैं...!!!!!
मेरे प्यारे दोस्तों...
नेटवर्क मार्केटिंग भी एक (System) सिस्टम है...जहाँ लगातार कोशिश और मेहनत की ज़रूरत है।
मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि रिजल्ट (Result) मिलने तक उस कंपनी और प्लान पर ही टिके रहें...और अपना ध्यान न खोयें...!! बस लगे रहें...!!!
कितनी बार मैंने लोगों को देखा है कि वो ध्यान लगाकर प्लान के साथ जुड़ गए और सफल हो गए...।।।
और कई लोगों को ऐसा भी देखा है कि वो अपना ध्यान भटक गए और प्लान और कंपनी बदल बैठे और नरक कि गलियों में आज भी घूम रहे हैं...।।।
क्योंकी एक नेटवर्कर बड़ी श्रद्धा के साथ कंपनी के साथ जुड़ता है और फिर कुछ समय बाद वो उसे छोड़कर दूसरी कंपनी में चला जाता है...।।।
आपको मालूम होना चाहिये...।।।
कि इस तरह बार-बार कंपनी, प्लान और श्रद्धा को बदलने से केवल हताशा ही हाथ लगेगी...।।।
बस इतना ध्यान रखें कि अपनी श्रद्धा में इमानदारी को पैदा करें
क्योंकी नेटवर्क मार्केटिंग.... "इमानदारी" का ही दूसरा नाम ( रूप, और चेहरा ) है...!!!
इस "ईमानदारी" शब्द को लेकर कुछ अपनी भी बात हो ही जाये....
हम...वैसे बड़े ईमानदार होते हैं,
बनते भी हैं...!!!
और कोशिश भी करते हैं...!!!
फिर भी हम ईमानदार साबित नहीं होते क्यों?
हम अपनी आदतों के साथ बड़े ईमानदार बनते हैं...!!!
हम अपनी ज़िंदगी को लेकर सीरियस ज़रूर होते हैं...पर शायद उतना ईमानदार नहीं जितना हमें अपने कर्तव्य को लेकर होना चाहिए...!!!
नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़ने के बाद हम अक्सर यही सुनते हैं की रोज़ प्लान दिखाना चाहिए...!!!
रोज़ नये लोगों से मिलना चाहिए…!!!
कंपनी - उसके प्लान और प्रॉडक्ट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचानी चाहिये…!!!
क्या हम यह ईमानदारी से कर पाते हैं...!!!
कहीं न कहीं...कमी करते ही हैं...!!!
अगर हमारे कोई सीनियर जब हमसे पूछते हैं...तो हम यही जवाब देते हैं कि...!
कल मैं बहुत थक गया था,
थोड़ी तबियत सी ख़राब थी,
मीटिंग ही कॅन्सल हो गई,
बाइक का आक्सिडेंट हो गया था…,
घर में शादी थी...,
फादर को डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा...,
रात को देर से सोया था...,
वाइफ की तबियत ख़राब थी...,
समय पर बस ही नहीं मिली...,
उधर बहुत जाम (Traffic) लगा हुआ था...,
जिसको बुलाया था वो आया ही नहीं...,
हमारे उधर बहुत तेज़ बारिश हो रही थी...,
बहुत तेज गर्मी थी...लू चल रही थी...,
बहुत ठंड थी...,
हमारे उधर घुटने - घुटने तक पानी भरा हुआ था...,
रीलेशन में तेहरवीं पर जाना पड़ गया...,
वगैरह-वगैरह
क्या हम वास्तव में ईमानदारी को निभा रहे हैं?
या बहानों को ही सीरियस लेकर आगे बढ़ने की कोशिश मात्र है...!!!
ज़रा सा रूकें...और दोबारा से सोचें...!!!
हम खाना नहीं छोड़ते...!!!
हम अखबार पढ़ना नहीं भूलते...!!!
हम TV देखना नहीं भूलते...!!!
हम सिनेमा देखना नहीं छोड़ते...!!!
कुछ हममें से ही हैं…जो सिगरेट पीना नहीं भूलते...!!!
तो क्या केवल हम काम के प्रति ही भूल करते हैं?
सच तो यह है की जिन सपनों को पूरा करने के लिए जिस काम को हमने चुना है...!!!
उसी के साथ बेईमानी करते हैं...तो क्या हम सफल हो सकते हैं?
बताईये...और अच्छे से सोच कर जवाब दीजिये...
ऐसा हम क्यों करते हैं?
क्या हम ईमानदार नहीं हैं?
नहीं...हम तो बिल्कुल ईमानदार हैं...!!!
तो क्या हम अपने काम को लेकर सीरियस नहीं हैं?
नहीं...हम बिल्कुल सीरियस हैं...!!!
तो फिर क्या हम अपने सपनों से दूर हो चुके हैं?
नहीं...हम तो अपने सपनों के लिये ही जी रहे हैं...!!!
तो क्या हम नालायक हैं?
नहीं...बिल्कुल नहीं...!!! बल्कि हम तो सफल होने के लिये सब कुछ कर सकते हैैं...!!!
तो फिर कहाँ हम से गलती रह जाती है...या गलत कर बैठते हैं ...
की हमारे पास ढेर सारे बहाने जन्म ले लेते हैं?
जिस तरह जीवन विकास के लिए मोटिवेशन ट्रैनिंग्स...और जीवन के लिये धर्म के अनुसार ध्यान को लेकर चर्चा है...आपको पता होगा की अक्सर ट्रैनिंग्स में "ध्यान" योगा के बारे में मोटिवेशन की बातें समझाई जाती हैं...यह मेडिटेशन कोई और नहीं बल्कि यही है..."काम करने का तरीक़ा"
"सब छोड़ दो ...पर ध्यान मत छोड़ो"
एक वक्त खाना नहीं खाने से... और एक रात ठीक से नहीं सोने से कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा...!!!
एक दिन अख़बार नहीं पढ़ने से...अगले दिन समाचार नहीं बदलेंगे...वो वैसे ही रहेंगे...
एक्सीडेंट
मडर
राजनीति
सब कुछ वैसा ही चलेगा...!!! जैसे चलना होता है...!!!
लेकिन अगर आप अपने कर्तव्य के ध्यान से भटक जाओगे तो सब कुछ बदल जायेगा...!!!
और उल्टे रिज़ल्ट ही मिलेंगे...!!!
दोस्तों नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता केवल और केवल ध्यान का ही नतीजा है।
नेटवर्किंग भविष्य के लिये सांस है...सफलता उसके लिए ध्यान है...!!!
बस ध्यान से मत भटकें...
सफलता आपके लिये सारे दरवाज़े खोल देगी...जो आपके सारे सपने पुरे कर सकती है।
आपका मित्र शमीम अहमद
Wish You Wellth
Bahut behtarin guide hai Thank you
जवाब देंहटाएंMost Welcome Always Sir.
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