सफलता प्राप्त करने के लिए अपने आप में विश्वास करना महत्वपूर्ण है।
एक दिन कुत्ते और गधे में शर्त लगी कि हम दोनों दौड़ते हैं, दौड़ने में जो प्रथम होगा वह हुकूमत के तख़्त पर बैठेगा,
गधा दौड़ने में कुत्ते की हमसरी और बराबरी नहीं कर सकता यह सब जानते थे,
दौड़ शुरू हुई कुत्ता खुश हुआ उसने सोचा कि वह गधे को आसानी से हरा देगा। मगर उस कुत्ते को यह पता नहीं था कि हर एक मोहल्ले के चौक पर बहुत से कुत्ते हैं जो उसे आगे जाने नहीं देंगे। हुआ भी ऐसा ही। वह बहुत से कुत्तों से लड़ता हुआ जैसे तैसे पहुंचा......
लेकिन वहां जाकर देखा कि गधा हुकूमत के तख़्त पर बैठा हुआ है। हारे हुए ज़ख़्मी कुत्ते ने कहा:- काश....!!!!!
मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लड़े ना होते तो..... यह गधा कभी भी हुकूमत के तख़्त पर नहीं बैठ पाता
हमारे देश में लगभग 85% प्रतिशत लोग नाकाम हैं और 15% प्रतिशत लोग कामयाब। और इन कामयाब लोगों के पास हमारे लिए वक़्त नहीं है।
क्या आपने कभी मर्सिडीज या बी एम डबल्यू से किसी अमीर आदमी को उतरते देखा है.....?
जो आपके पास आकर चौराहे पर खड़ा हो जाए और सिगरेट पीते हुए देश की समस्याओं पर चर्चा करे कि यार अपने देश का तो हाल ही बुरा है। देखो यह सड़कें टूटी फूटी है, बिजली यहां आती नहीं यह कोई देश है भला? ऊपर से लेकर नीचे तक सारे चोर हैं वगैरह वगैरह
कभी आपको ऐसा कोई इंसान मिला???
दोस्तों में जानता हूं आपका जवाब यही होगा कि नहीं।
क्योंकि उनका लक्ष्य यह सब बातें करने का नहीं है। मगर ऐसी फिजूल बातें करते हुए आपको नाकाम लोग मिल जाएंगे। यह 85% प्रतिशत लोग चारों तरफ निगेटिव चर्चा करते हुए मिल जायेंगे। यह लोग हमेशा समस्याओं पर बात करते हैं। जबकि इनके पास कोई समाधान नहीं होता है।
हम लोगों की समस्या ये है कि हम इन्हीं 85% प्रतिशत लोगों में से उठ कर आते हैं। लेकिन जब-जब आप इस भीड़ में से उठकर ऊपर जाना चाहोगे, तब-तब आपको एक ऐसा रास्ता चुनना होगा जो इन 85% प्रतिशत लोगों का नहीं है, क्योंकि अगर इनका कोई भी रास्ता कामयाबी की ओर जाता, तो ये सारे के सारे कामयाब होते।
और जब-जब आप ऐसे रास्ते पर चलेंगे जो उनका रास्ता नहीं होगा, वह आपकी टांग खींचेगे या आपको बोलेंगे कि आप गलत जा रहे हैं। पर अजीब बात तो यह है कि हम इन्हीं लोगों के पास सलाह मशविरा लेने चले जाते हैं। मुझे एक बात समझ में नहीं आती कि आप वह चीज़ लोगों से कैसे मांग सकते हैं जो उनके पास है ही नहीं। अगर मेरे पास 100 ₹ हों और आप मुझसे 200 ₹ मांगें, तो मैं आपको 200 ₹ कैसे दे सकता हूं?
अगर हमें डाॅक्टर बनना है तो किसी डाॅक्टर से सलाह लेनी होगी ना कि शहर के किसी हलवाई से...!!!
अगर हमें इंजिनियर बनना है तो इंजिनियर से जानकारी लेनी होगी ना कि किसी बावर्ची से...!!!
इसी तरह से जब हमें नेटवर्कर बनना है तो एक अच्छे नेटवर्कर से जानकारी लेनी होगी ना कि किसी आम आदमी से...!!!
दोस्तों तो फिर देर किस बात की है? आइए हमारे साथ जुड़िए इंडिया की नंबर वन कंपनी वेस्टीज मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड में....!!! काम की पूरी तरह से जानकारी दी जाएगी, और फुल सिनियर सुपोर्ट भी मिलेगा
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सिल्वर डायरेक्टर
शमीम अहमद
मोबाइल नंबर:- +918097442002
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हम लोगों की समस्या ये है कि हम इन्हीं 85% प्रतिशत लोगों में से उठ कर आते हैं। लेकिन जब-जब आप इस भीड़ में से उठकर ऊपर जाना चाहोगे, तब-तब आपको एक ऐसा रास्ता चुनना होगा जो इन 85% प्रतिशत लोगों का नहीं है, क्योंकि अगर इनका कोई भी रास्ता कामयाबी की ओर जाता, तो ये सारे के सारे कामयाब होते।
और जब-जब आप ऐसे रास्ते पर चलेंगे जो उनका रास्ता नहीं होगा, वह आपकी टांग खींचेगे या आपको बोलेंगे कि आप गलत जा रहे हैं। पर अजीब बात तो यह है कि हम इन्हीं लोगों के पास सलाह मशविरा लेने चले जाते हैं। मुझे एक बात समझ में नहीं आती कि आप वह चीज़ लोगों से कैसे मांग सकते हैं जो उनके पास है ही नहीं। अगर मेरे पास 100 ₹ हों और आप मुझसे 200 ₹ मांगें, तो मैं आपको 200 ₹ कैसे दे सकता हूं?
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बहुत बढ़िया Vestige Wish u wellth
जवाब देंहटाएंThanks for Visit our Blog
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